जॉन एलिया की बेहतरीन शायरी | दिल छू लेने वाली 15 चार लाइन शायरियाँ
Introduction:
उर्दू शायरी के दीवानों के लिए जॉन एलिया एक ऐसा नाम है, जिसकी शायरी पढ़ते ही दिल के जज़्बात लफ़्ज़ों में ढलने लगते हैं।
उनकी लिखावट में तन्हाई, मोहब्बत, शिकायत और बेबाक़ी का ऐसा अनोखा मेल है जो हर शायरी को ख़ास बना देता है।
आज हम आपके लिए लाए हैं उनकी कुछ बेहतरीन 4 लाइन की शायरियाँ, जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देंगी।
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John Elia is one of the most celebrated poets in Urdu literature, known for his heart-touching thoughts on love, loneliness, and life. In this post, we’ve handpicked 15 of his most famous and emotional shayaris that will connect straight to your heart. Whether you're searching for Sad Shayari, Love Shayari, or John Elia Quotes, this collection is perfect for your mood.
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जॉन एलिया की 15 शानदार चार लाइन शायरी
1.
अब तो इस राह से भी दिल घबराने लगा है,जिस राह से कभी तुझे ढूँढा करते थे।यूँ भी अब ख्वाब में कम ही आते हो,तुमसे मिलने की आदत भी छूट गई है।
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2.
हम भी क्या ज़िंदगी गुज़ारते हैं,हर वक़्त किसी और के इंतज़ार में।ना जाने कौन है वो,जिसे हम उम्र भर याद रखते हैं।
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3.
बस यही सोच के उम्र गुज़ार दी हमने,कोई होता हमारा जो हमारा होता।इस तन्हा दिल की भी अपनी दास्ताँ है,पर किसे सुनाएं, यहाँ हर कोई ख़ामोश है।
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4.
किसी और का होना अब सहा नहीं जाता,दिल अब और धोखा खा नहीं सकता।तन्हाई भी अब अपनी सी लगती है,शायद कोई और अब याद आता नहीं।
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5.
ग़म है या ख़ुशी है तू,ज़िंदगी की एक वजह तो है।तेरे बिना भी जी लिया मैंने,मगर ज़िंदा रहने का हौसला नहीं है।
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6.
अब कि हम बिछड़े तो शायद कभी ख्वाबों में मिलें,जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।ख़्वाहिशें सब की पूरी कहाँ होती हैं,हम भी किताबों में रखे फूल जैसे हो गए।
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7.
कभी किसी से दिल न लगाना,ये दुनिया बहुत बेवफा है।जिसे अपना समझोगे,वही सबसे बड़ा दर्द देगा।
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8.
इश्क़ में अब वो मज़ा कहाँ,जो तेरे इनकार में था।अब तो सब कुछ पा लिया,पर दिल वही अधूरा सा है।
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9.
जो गुज़र गई वो बात क्यों करें,जो लहू बहा उसका हिसाब क्यों करें।अब तो खामोशी ही बेहतर है,अल्फ़ाज़ों से भी दर्द बयां क्यों करें।
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10.
तुम बहुत दिन से ख्वाबों में नहीं आए,शायद तुम्हें अब नींद नहीं आती।और मुझे भी अब ये ग़म सताता है,तुम्हारी यादें ही सोने नहीं देतीं।
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11.
मोहब्बत के सफ़र में यही एक सच्चाई है,कोई किसी का नहीं होता, बस यादें रह जाती हैं।तन्हाई में जो बातें याद आती हैं,वही सबसे गहरा जख्म छोड़ जाती हैं।
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12.
अब किसी और का नाम लेने का मन नहीं,तेरे सिवा कोई दूसरा ख्याल नहीं।जो तेरे बिना अधूरी थी ज़िंदगी,अब उसके जीने का सवाल नहीं।
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13.
हम तो टूट कर चाहते थे तुझे,तूने तो बस खेल समझा इश्क़ को।अब सब्र आ गया है इस दिल को,तेरी बेवफ़ाई पे भी मुस्कुरा लेते हैं।
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14.
तन्हाई में जीना सीख लिया हमने,तेरे बिना अब सुकून भी मिलता है।वक़्त ने सिखा दिया सबक ये ऐसा,जो खो गया वो लौट कर नहीं आता।
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15.
तेरा ख्याल भी अब दस्तक नहीं देता,शायद यादों ने भी तंग करना छोड़ दिया।वक़्त ने बदला है बस चेहरा मेरा,दिल आज भी वैसा ही टूटा हुआ है।
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Conclusion:
जॉन एलिया की शायरी हर उस दिल के क़रीब है जिसने कभी तन्हाई, मोहब्बत या बेवफ़ाई का एहसास किया हो।
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